आंधी और बारिश से बढ़ी किसानों की धड़कन, गेहूं की फसल को पहुंचा नुकसान

जनपद में पिछले दो दिनों से मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव के बीच शुक्रवार शाम आंधी और बारिश से खेतों में पककर तैयार खड़ी गेहूं की पकी फसल ढह गई। फसल पकी होने से दाने खेत में झड़ गए हैं। वहीं देरी से लगाई गई फसल जो अभी पकी नहीं थी। आंधी में वह गिर गई है। इससे अनाज की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। कुल मिलाकर गेहूं की फसल के दस से बीस प्रतिशत के नुकसान का अंदेशा है। 

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जनपद में पिछले दो दिनों से मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव के बीच शुक्रवार शाम आंधी और बारिश से खेतों में पककर तैयार खड़ी गेहूं की पकी फसल ढह गई। फसल पकी होने से दाने खेत में झड़ गए हैं। वहीं देरी से लगाई गई फसल जो अभी पकी नहीं थी। आंधी में वह गिर गई है। इससे अनाज की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। कुल मिलाकर गेहूं की फसल के दस से बीस प्रतिशत के नुकसान का अंदेशा है। 

गनीमत यह रही कि अभी कटाई का काम ठीक से आरंभ नहीं हो पाया था। वरना और नुकसान हो सकता था। मौसम के बिगड़े मिजाज को देखते हुए किसानों के होश उड़े हुए हैं। अकबरपुर, माती, रूरा, रसूलाबाद, मंगलपुर आदि क्षेत्रों में तेज आंधी के साथ रुक-रुक कर बिजली की गड़गड़ाहट के बीच बारिश होती रही। वहीं रूरा, पुखरायां, सिकंदरा, संदलपुर समेत अन्य जगहों पर आसमान में बादल छाए रहे और तेज आंधी चलती रही। 

कहिंजरी निवासी कमलाकांत त्रिवेदी, पप्पू तिवारी, रसूलाबाद के रामनरेश बाजपेई, निराला नगर निवासी मीनू सिंह, पुनीत सिंह आदि किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल पूरी तरह से पक चुकी है। कई जगह गेहूं की फसल खेतों में कटी पड़ी हुई है। ऐसे में बारिश होने से गेहूं की फसल भीगने से खराब भी हो सकती है। साथ ही पैदावार में भी कमी आ जाएगी। हाथ की कटाई व ट्रैक्टर की मड़ाई भी प्रभावित हुई है। 

जिला कृषि अधिकारी डॉ. उमेश कुमार गुप्ता ने कहा कि जिले में गेहूं की फसल को मामूली नुकसान हुआ है। अगर कहीं पर अधिक नुकसान की संभावना है कि तो किसान 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी, उनके कार्यालय, केसीसी वाले बैंक आदि जगहों पर आवेदन कर सकते हैं। नुकसान का आंकलन कराकर क्षति पाए जाने पर मुआवजा दिलाया जाएगा।

Author: kanpurdehatsamachar

kanpur news reporter

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